Sunday 4 September 2011

हम अन्ना के साथ हैं

क्योंकि घूस दिये बगैर हमारा कोई काम नहीं होता
और अगर होता भी है तो जूतियां घिस जाती हैं
हमारे हिस्से का राशन चोरी हो जाता है और पेंशन नहीं मिलती
और क्योंकि घूस के कारण हमारा जीवन नरक हो गया है
जबकि अफसरों और नेताओं के हिस्से पूरा स्वर्ग है
और क्योंकि हमारी मेहनत की कमाई काले धन में बदल जाती है
और काले धन का बड़ा हिस्सा विदश भेज दिया जाता है
और क्योंकि हमारे टैक्स के पैसे हमारे विकास पर खर्च नहीं होते
जबकि हम बच्चों की पढ़ाई और बाबूजी के इलाज को तरस जाते हैं
और क्योंकि काली कमाई करने वालों पर केस नहीं होता
और अगर होता भी है तो कारवाई नहीं होती
और क्योंकि चोर-चोर मौसेरे भाई हैं
और क्योंकि प्रधानमंत्री के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है
जबकि भ्रष्टाचार का बोझ सहने को हम बिलकुल तैयार नहंी
और क्योंकि सरकार में बैठे लोगों की लूट सामने आ चुकी है
जबकि मजबूत जनलोकपाल के बगैर यह चोरी नहीं रूक सकती
और क्योंकि सरकार ऐसा कोई मजबूत कानून बनाने को तैयार नहीं
और संसद में कानूनों पर बहस के बदले हंगामा होता है
और क्योंकि संसद में 42 साल से लटका हुआ है लोकपाल बिल
जबकि संसद का काम कानून बनाना है
और क्योंकि कानून नहीं संसद का काम बनना नहीं है
जबकि 42 साल इंतजार के बाद 42 पल भी भारी लगते हैं
और जबकि सरकार के पास भ्रष्टाचार रोकने की इच्छाशक्ति नहीं
और क्योंकि इसकी मांग करने वाले अन्ना को ही डराया जाता है
और गांधी के देश में अनशन पर भी रोक लगा दी जाती है
और क्योंकि काला धन पर बोलने वाले रामदेव को पीटा जाता है
और दस साल से अनशन कर रही शर्मिला की अनदेखी हुई है
और क्योंकि लोकतंत्र के बाद भी जनभावना की कीमत नहीं
और हर जनांदोलन को कुचल दिया जाता है
जबकि हम एक आजाद देश के नागरिक हैं
और जबकि हम एक अच्छे राज और बेहतर समाज के हकदार है
और क्योंकि आजादी के बाद भी हमें लड़ना पड़ रहा है
क्योंकि हम जानते हैं कि लड़े बिना हमें कुछ नहीं मिलने वाला
और क्योंकि ऐसे ही बहुत से दूसरे कारणों से ..... हम अन्ना के साथ हैं।

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